Diwali 2023 मिट्टी का दीपक जलाने का महत्व: इस बार दिवाली 13 नवंबर को मनाई जाएगी. इस महत्वपूर्ण दिन, लक्ष्मी मां की पूजा के दौरान ढेरों दीपक जलाए जाते है, जिससे घर रोशनी से भर जगमगा उठता है. लेकिन एक सवाल है दीपक जलाने की शुरुआत घी के दीपक से क्यों की जाती है? आइये जानते है ऐसा क्यों होता है। और इस का धार्मिक महत्व क्या है ?
हिंदू धर्म में, दिवाली सबसे बड़ा त्योहार है और इसकी तैयारी लोग साल भर से करते है. इस विशेष दिन को मनाने के लिए लोग नए दीपक खरीदते हैं, रंगोली बनाते हैं, और विभिन्न तरह के पकवान बनाते हैं. दीपक की रौशनी और रंग बिरंग फुलझड़ियो से घर को स्वर्ग बना देते है।
शास्त्रों के अनुसार, दिवाली की रात में मिट्टी के दीपक में एक घी का दीपक और सरसों तेल के दीपक क्यों जलाए जाते हैं? इस परंपरा के पीछे छिपे महत्व को आइये समझते है।
दिवाली के दिन मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल को जलाने से शनि और मंगल ग्रह का मनुष्यों पर पड़ने वाले प्रभाव दूर होते हैं, जिससे घर में सुख और शांति बनी रहती है. इस तरह से इन ग्रहों के प्रभाव से आने वाली समस्याएं दूर होती हैं.
दीवाली के दिन, गाय के घी से जलाए गए दीपक से लक्ष्मी मां प्रसन्न होती हैं. यह दीपक लक्ष्मी जी के सामने पहले जलाते हैं, जिससे घर में सदैव धन-धान्य में कोई कमी नहीं आती है और व्यक्ति की तरक्की में रुकावट नहीं आती.
इसलिए, पूजा के दौरान यह महत्वपूर्ण है कि सबसे पहले लक्ष्मी जी के सामने गाय के घी का दीपक जलाया जाए. और उनकी पूजा सच्चे मन से करे।
इस लेख के माध्यम से हमने जाना की आखिर क्यों मिट्टी के दीये से दीपक जलाते हैं। आशा करते है की ये जानकारी आप को अच्छी लगी होगी। अपना राय हमें कमेंट बॉक्स में दे।
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